"ध्यान का ऐसा स्वरूप मैंने पहले कभी नहीं देखा…"
— पृथ्वी सिंह राजपूत, पैरामेडिकल स्टाफ
"मैं मेडिकल साइंस से जुड़ा एक व्यावसायिक व्यक्ति हूँ — जहाँ हर चीज़ को तर्क, प्रयोग और प्रमाण से आँका जाता है। मैंने अब तक कई योग व ध्यान सत्रों में भाग लिया, लेकिन JGO फाउंडेशन द्वारा आयोजित 'अंतर-ध्यान संगम' मेरे लिए केवल एक योग सत्र नहीं, बल्कि एक आत्मिक विज्ञान की यात्रा बन गया।
पहली बार ध्यान मेरे लिए न तो क्लिष्ट रहा, न बोरिंग। बल्कि यह तो एक जीवंत, वैज्ञानिक और आनंददायक प्रयोग बन गया — एक ऐसा प्रयोग जिसमें मैं स्वयं विषय भी था और साधक भी।
यह संगम सिर्फ तीन ध्यान विधियों का मेल नहीं था — यह एक ऊर्जा संचरण का विज्ञान, एक मन की लय को शरीर की शांति से जोड़ने वाला अनुभव और एक आंतरिक यात्रा की सहज शुरुआत था।
जहाँ आमतौर पर ध्यान को गंभीर, मौन और शुष्क विधि माना जाता है, वहीं 'अंतर-ध्यान संगम' ने इसे इतनी सरलता, सरसता और वैज्ञानिक संरचना के साथ प्रस्तुत किया कि पहली बार लगा —
ध्यान केवल बैठना नहीं है, यह भीतर बहना है।
JGO फाउंडेशन ने ध्यान को किताबों और प्रवचनों से निकालकर अनुभूति की धरातल पर उतार दिया। मैंने यहाँ सिर्फ ध्यान नहीं सीखा,
मैंने स्वयं को महसूस करना सीखा। अंत में में ये संदेश देना चाहूँगा की सभी को इस अंतर्ध्यान संगम के ध्यान सेशन को ज्वाइन करना चाहिये ये सेवा ngo की तरफ से बिल्कुल फ्री सेशन के रूप में आयोजित की जाती हैं jgo फाउंडेशन की टीम से सम्पर्क करें और ध्यान के अगले session को ज्वाइन करे