(कला, संस्कृति,आत्मविश्वास और कौशल विकास)
JGO FOUNDATION द्वारा आयोजित “शक्ति-संगम” कला, संस्कृति,आत्मविश्वास और कौशल विकास का एक अभिनव और उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम रहा, जिसका आयोजन बीकानेर के सुदर्शना नगर क्षेत्र में किया गया। यह पाँच दिवसीय आयोजन महिलाओं के समग्र विकास और सामाजिक सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर तैयार किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को केवल मनोरंजन तक सीमित न रखते हुए उन्हें सांस्कृतिक, मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्तर पर सशक्त बनाना था। कार्यक्रम की प्रेरणा एक स्थानीय मांग से उत्पन्न हुई, जब कुछ महिलाओं ने पारंपरिक किटी पार्टी जैसी गतिविधियों की इच्छा जताई। इसके उत्तर में इस आयोजन को ज्ञान, स्वास्थ्य और संस्कृति से जोड़ते हुए विकसित किया गया, ताकि महिलाओं को वास्तविक अर्थों में सीखने और जुड़ने का अवसर मिल सके।
कार्यक्रम का नाम “शक्ति-संगम” रखा गया, जो शरद नवरात्रि की ऊर्जा और स्त्रीशक्ति के सम्मान का प्रतीक बना। प्रत्येक सत्र की रूपरेखा महिलाओं की रुचियों के अनुरूप तैयार की गई थी। मुख्य गतिविधियों में योग, ध्यान, लोकनृत्य, भजन प्रतियोगिता, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और आत्मचिंतन सत्र शामिल थे। योग प्रशिक्षकों द्वारा महिलाओं की आयु और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार विशेष आसनों और मानसिक विश्राम तकनीकों का प्रशिक्षण दिया गया, जिससे उन्होंने न केवल शरीर को स्वस्थ किया, बल्कि मानसिक शांति का अनुभव भी किया।
हर रविवार को आयोजित इन सत्रों में विविध कार्यक्रमों जैसे दीप प्रज्वलन, घूमर नृत्य, नवरात्रि भजन, करवा चौथ कथा, तुलसी पौधा वितरण और तांबे के कलश जैसी पारंपरिक वस्तुओं के उपहार वितरण ने धार्मिक व सांस्कृतिक मूल्यों को भी पुनःस्थापित किया। प्रतियोगिताओं के माध्यम से महिलाओं ने अपनी छिपी हुई प्रतिभाओं को साझा किया, जिससे आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि हुई। वहीं दूसरी ओर, सामूहिक ध्यान और संवाद के सत्रों ने उन्हें भावनात्मक और मानसिक स्तर पर जोड़ा।
प्रत्येक महिला से व्यक्तिगत संपर्क कर उन्हें जोड़ा गया और व्हाट्सएप समूह के माध्यम से आयोजन की जानकारी नियमित रूप से दी गई। कार्यक्रमों के संचालन में स्वयंसेवकों और प्रशिक्षकों ने अनुशासित ढंग से भूमिका निभाई, जिससे आयोजन अत्यंत व्यवस्थित और प्रेरक बन सका। अंत में, कार्यक्रम ने एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव की नींव रखी, जहाँ महिलाओं ने न केवल खुद को सशक्त अनुभव किया, बल्कि एक सामूहिक ऊर्जा और सहयोग की भावना को भी आत्मसात किया।
“शक्ति-संगम” ने यह सिद्ध किया कि जब महिलाओं को सही मंच, मार्गदर्शन और सामूहिक समर्थन मिलता है, तो वे केवल व्यक्तिगत विकास तक सीमित नहीं रहतीं, बल्कि पूरे समुदाय को जागरूक और सशक्त बना सकती हैं।